दो मित्रों के बीच स्वच्छता पर संवाद
सौरव: नमस्ते विकास! कैसे हो?
विकास: नमस्ते सौरव! मैं अच्छा हूँ। तुम कैसे हो?
सौरव: मैं भी अच्छा हूँ। कल स्कूल में स्वच्छता अभियान के बारे में बहुत अच्छी जानकारी मिली।
विकास: अच्छा! स्वच्छता तो हमारे जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्या-क्या बताया गया?
सौरव: बताया गया कि हमें न सिर्फ अपने घर को, बल्कि आसपास के क्षेत्र को भी साफ रखना चाहिए। गंदगी से बीमारियाँ फैलती हैं।
विकास: बिल्कुल सही! सड़क पर कूड़ा फेंकने से नालियां जाम होती हैं और मच्छर पनपते हैं।
सौरव: हाँ, और हमें कचरे को गीले और सूखे कचरे में अलग-अलग डालना चाहिए। इससे रिसाइकलिंग भी आसान होती है।
विकास: सही कहा। और सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ेदान का उपयोग करना चाहिए, न कि इधर-उधर कचरा फैलाना चाहिए।
सौरव: मैंने तो सोचा है कि अब से हर रविवार को पार्क में साफ-सफाई करूँगा। तुम भी आओगे?
विकास: ज़रूर! हम मिलकर दूसरों को भी स्वच्छता के लिए जागरूक कर सकते हैं।
सौरव: हाँ, अगर हम सब मिलकर कोशिश करें तो हमारा शहर साफ-सुथरा और सुंदर बन सकता है।
विकास: बिल्कुल! चलो, इस रविवार से शुरुआत करते हैं।